जिंदगी....




जिंदगी के आईने बहुत से हैं 
आप ठीक से देखो तो इसके मायने बहुत से हैं 

जिंदगी की  पहेलियाँ तो कई हैं ही 
जिंदगी के अफ़साने भी बहुत से हैं 


जिंदगी के हर मोड़ पे कई ठिकाने मिलेंगे
हर ठिकानों पे रुकने को आशियाने मिलेंगे 


जिंदगी के इन्ही किसी आशियानों में अपना भी कोई आशियाना छिपा होगा 
इन्ही किसी आशियानों में अपना भी कोई फ़साना छिपा होगा 


अब बस देखना तो यही है कि उन फ़सानों में तराना कैसा बुनेगा
उम्मीद तो यही है कि वो तराना सुहाना ही बुनेगा


कहते हैं जिंदगी जिंदादिली का ही दूसरा नाम है 
कहते हैं जिंदगी में अपनी मुसीबतों पे भी हसना जिसने सीख लिया उसने जीना सीख लिया 


और जिंदगी के हर पल ख़ुशी नहीं तो क्या 
जिंदगी के हर पल दुःख भी तो नहीं
और फिर जिंदगी सुख-दुःख कि चलती फिरती गाडी का ही तो दूसरा नाम है 


जिंदगी इक पहेली तो है ही 
जिंदगी इक सुहाना सफ़र भी है 


पर क्यूँ ना हम पहेलियों को सुलझाना छोड़ें और जिंदगी जीना सीखें 
खुद भी हसें और दूसरो को भी हसाना सीखें  


क्यूँ कि जिंदगी जीना आ गया तो फिर 
जिंदगी इक पहेली ना होके इक सुहाना सफ़र बन जायेगा 


और फिर जिंदगी इक सुहाने सफ़र का ही तो दूसरा नाम है .....

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